भ्रष्टाचार का पर्याय बन गई है कांग्रेस

2 Nov 2010





मन मोहन सिंह जी अब तो ईस्तीफ़ा दे दे
 टेलीकाम , कामन वेल्थ, आदर्श सोसाईटी हर जगह एक ही चीज भ्रष्टाचार । सभी जानते हैं माननीय टेळिकाम मंत्री राजा ने कितना पैसा कमाया । आप इसे स्वीकार करे या नही लेकिन जिस तरह से स्पेक्ट्रम की निलामी न कर के उसे एक तरह से मुफ़्त में बेच दिया गया उससे कहीं न कहीं कुछ गलत डील हुई है यह तो साफ़ झलकता है। सरकार चलाने की मजबूरी ने आपके आंखों पर धर्‍तरास्ट की तरह पटी बांध दी है। कम से कम आप सी बी आई से जांच तो करवा हीं सकते थें। राजा का ईस्तीफ़ा ले कर उन्हें जांच का सामना करने को कहना चाहिया था। आज आप सता में हैं , बचा लेंगें , लेकिन कल कोई और दल सता में आयेगा तो यह मुद्दा फ़िर उठेगा। आप यह न समझे की जनता पुरानी बातें भुल जाती है । नई तकनीक ने भ्रष्टाचार से लडाई को सुगम बना दिया है। अब अखबारों को सहेज कर रखने की जरुरत नही रह गई। किसी भी वेब साईट पर जाए पुरानी घट्नाओं की पुरी सुची उपलब्ध है। फ़िर हमारे जैसे ब्लागरों की एक सेना तैनात है , हर पल लोगों को अहसास कराने के लिए कि क्या गलत हो रहा है। आप ईमानदार माने जाते है । व्यक्तिगत रुप से आप पर कोई आरोप भी नही लगा है। लेकिन जब आप भ्रष्टाचारियों का बचाव करेंगे तब कहीं न कहीं आप के उपर से भी लोगो का विश्वास उठ जाएगा । एक बार खुद से पुछे , अगर महसुस हो की २ जी में गडबडी है तो राजा को कहें पद त्याग दे। बहुत होगा सरकार गिर जायेगी लेकिन आपकी आत्मा गिरने से बच जायेगी। सरकारें आयेंगी जायेंगी पर मरी हुई आत्मा शायद जिंदा न हो।
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