गुंडों को टिकट न देना
रंगदारी मत वसुलवाना
लालु जी आपके १५ साल का राज आज भी रोंगटे खडे कर देता है। हें लालु जी बडा दुखा दिना तेरे लखन ने। हां वही आपके क्षत्रपों नें जमीन हडपने से लेकर , अपहरण, बलत्कार और क्या क्या नही किया । गया की बात बताउ। ? गया कालेज क्षेत्र में आपके तीन –तीन विधायक थें लेकिन आपके लखनों के कारण लड्कियों का एड्मीशन करवाना बंद कर दिया था लोगों ने गया कालेज में। और बताता हूं , सर्वे में येन-केन प्रकरेण अधिकारियों /कर्मचारियों से मिलकर सारी सरकारी जमीन हड्प गए। आप चाहे लाख दोष दे अपने छोटे भाई को , समझ गए कौन ? हां ठीक समझा आपके नितीश जी। लेकिन उन्होने छोटे भाई का फ़र्ज निभाया आपकी लाज रखी । कोई जांच, कोई कमीशन नही बैठाया आपके काल में हुए अपराधों की जांच के लिए। बाकई भाई हो तो ऐसा रिश्ता तो निभाया नीतीश ज़ी ने । आप बार-बार सफ़ाई देते हैं कि आपने कभी भूरा बाल साफ़ करो नही कहा , लेकिन आपने कहा हो या नही परन्तु भूरा क्या , ग्वाल बाल को छोडकर बाकी सब तो साफ़ हीं हो गया था । एक और बात बताता हुं आपके एक विधायक थें गया के शिक्षित थे , लेकिन बिना जात पूछे किसी का काम नही करते थे। चलिए उनसे आपको छुटकारा मिल गया है। आजकल नीतीश जी के साथ हैं । लोग कहते हैं एम० सी० सी० से आपको कुछ ज्यादा हीं लगाव था मुझे यह लोगों का गलत आरोप लगता है। परन्तु एक बात तो थी । आपके बहुत सारे नेता दिन में तो आपकी पार्टी के पदाधिकारी होते थें और आपके नाम की माला जपते थें लेकिन रात में कामरेड बनकर माओ का गुनगाण करते थें । मुझे आपके ऐसे कार्यकर्ताओं को शाबाशी देने का मन करता था। मुझे लगता था कि शायद लोहिया और माओ की आत्माओं से सीधा संवाद था उनका और उनके निर्देश पर हीं लोहिया के समाजवाद और माओ के साम्यवाद को एकाकार करना चाहते थे बेचारे ।
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