युवराज : जनता मांगेगी ४० वर्षों का हिसाब
साधु के बाद सुभाष भी हैं मिलने को बेताब
युवराज आपकी मोहक मुस्कान का असर युवा पीढी पर खुब दिख रहा है। टुट पडते हैं आपसे हाथ मिलाने के किए । आपकी ईस डिवाईन स्माईल का असर नौजवान युवा-युवतियों पर ठिक वैसा हीं जैसा कभी रामायण सीरियल के राम, अरुण गोविल की डिवाईन स्माईल का महिलाओं और बुजुर्गों पर होता था। नीतीश जी भी कोशिश करते हैं नकल करने की लेकिन नही कर पातें । बाल काला करवा लेते तो शायद असर पड्ता । वैसे भी डिवाईन स्माईल एक कला है जिसे आत्मसात करना पड्ता है एक आद्त के रुप में । युवराज आपकी डिवाईन स्माईल भीड तो जुटा सकती है लेकिन उसे वोट में नही तबदील कर सकती । बिहार के चुनाव में आप हीं मुख्य प्रचारक होंगे । राज्य में तो कोई चेहरा है नही कांग्रेस के पास जो हजार –पांच सौ लोगो कि भीड भी जुटा सके । २० सालों से सता से बाहर रहने के कारण कमाई भी नही हो पाई। यही कारण है की कांग्रेस कि हर सभा में मंच पर राजद की बदनाम छवि के चेहरे और पैसे से जुटाई गई उनकी भीड नजर आती है। वह तो गनीमत है कि आपकी और आपकी मम्मी कि तस्वीर लगी रहती है जिससे पता चलता है कि यह कांग्रेस की सभा है । अन्यथा लोग उसे राजद की सभा समझ बैठते । आजादी के बाद तकरीबन ४० वर्षों तक कांग्रेस का हीं शासन रहा है। अब आप जब बिहार विधानसभा के चुनाव में आयेंगे तो लोग पुछेंगे कि ४० वर्षो में आपने क्या दिया ? बिहार पहले भी बदहाल था अब भी बदहाल है। युवराज आप तो विदेशों में रहकर पढे है, श्रम की महता से अच्छी तरह परिचीत होंगें । पुरे देश के उध्योग धंधे बिहार –यूपी वालों के श्रम की देन हैं। बिहारियों कि बदौलत महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली , कर्नाटक, आंध्रप्रदेश सबकी तरक्की बिहारियों के श्रम पर टिकी है लेकिन खुद बिहार पिछडा है. ४० वर्षों में कांग्रेस ने कभी प्रयास नही किया ईसके विकास का । युवराज , सारे बैंक तथा अन्य वितीय संस्थान जैसे हुड्को, सीड्बी , पर्यटक वित निगम केन्द्र की सरकार के अधीन हैं और उनके आंकडे बयां करते हैं बिहार की उपेझा की दास्तान । क्या जवाब देंगें युवराज ? लालू के खिलाफ़ या उनके आतंकराज के खिलाफ़ भी आप नहीं बोल सकते । समझ हीं गए होंगे क्यो। काग्रेंस के कारण हीं तो लालू सता पर काबिज रहे और आतंकराज पला बढा। राजद के बदनाम चेहरे जो अब आपके दल की ताकत बढा रहे हैं, भीड जुटा रहे हैं यह सवाल भी विक्रम वैताल की तरह पीछा नही छोडेगा। हालांकि आपके मंच पर उन चेहरों को संजीव कुमार टोनी तथा अवधेश कुमार सिंह जैसे नेता बैठने नहीं देंगे, जानते हैं क्यों ? इसलिए की यही दोनो वैसे बदनाम चेहरों के गाड फ़ादर हैं। नीतीश के भ्रष्टाचार पर भी आप नही बोल सकते क्योकिं लोगो को अब भी याद है राष्ट्रपति शासन काल में बुटा सिंह ने कैसे राज भवन को भ्रष्ट्राचार भवन में तबदील कर दिया था। अब रही बात केन्द्र के पैसे से हो रहे विकास की , यह बात सही है कि न सिर्फ़ केन्द्र के पैसे से विकास कार्य हो रहे हैं बल्कि नीतीश के मंत्रीयों कि जेब में कमीशन के रुप मे जाने वाली रकम भी केन्द्र की है। लेकिन युवराज कुआंरे है इसलिए आपके अंदर साफ़गोई है अपने दिल पे हाथ रखकर बताईएगा । क्या वाकई झारखंड से अलग हुए बिहार को वह मिलरहा है जिसका यह हकदार है? विदा लेता हुं युवराज इस आशा के साथ कि अगली बार आप अकेले नही युवरानी को भी साथ लायेंगें सबकुच्छ समय पर होना ठिक होता है जैसे की शादी । समझ गए आप।
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