बीजेपी के हिजडे नेताओं ने कपडे खोले
तिरंगा यात्रा का अंजाम ऐसा होगा सोचा भी नही था । भाजपा के नेता सुषमा स्वराज , अनंत कुमार और अरुण जेटली को अभी टीवी पर कहते सुना , वे शांतिपुर्ण गिरफ़्तारी दे रहे हैं। लगा की तीनो ने अपने कपडे उतार कर , नंगे होकर , कश्मीर के चंद अलगाववादी तत्वों के हाथ में अपने को सौंप दिया , लो जो करना है करो , हम नंगे खडे हैं तुम्हारे सामने । यह भी महसुस किया की एक खुबसुरत महिला सुषमा स्वराज और दो पंच सितारा होटल की राजनीति करने वाले , लाल –लाल कश्मीर के सेव की तरह गाल वाले अरुण जेटली तथा अनंत कुमार के नंगे बदन पर हाथ फ़ेरते हुये अलगाववादी कह रहे हैं , ठिक इसी तरह तुम्हारे भारत माता को नंगा कर के मजे लेंगें हम । सभी टीवी देखने वालों ने देखा होगा , इन तीनों नेताओं ने कोई विरोध नही किया , अगर ये चाहते तो तार की बाड जो पुलिस ने लगा रखा था , उसे आराम से हटा सकते थें। पुलिस कुछ नही कर सकती थी और अगर करती भी तो क्या होता , शहिद बनते राष्ट्र तुमको नमन करता । मैं १५ अगस्त और २६ जनवरी नही मनाता , कारण है गुलामी , आज भी मैं खुद को इस मुल्क में गुलाम मानता हूं। जातीय आरक्षण ने हमसे बराबरी का अधिकार छिना है , सवर्ण भिखारी के बेटे को शिक्षा से लेकर नौकरी तक , कुछ भी नही मिल सकता लेकिन आरक्षित जाति के बैंक के बाबु से लेकर प्रधान मंत्री की कुर्सी तक पर बैठे लोगों के बच्चे आरक्षण की बदौलत वह सबकुछ पा जाते है , जिसके वह हकदार नही हैं। यह आरक्षण की व्यवस्था , दक्षिण अफ़्रिका के रंगभेद की निती की तरह है । शायद बात से भटक गया , खैर टीवी पर तिरंगे के जुलुस को देखकर मेरा खुन भी उबाल मारने लगा और मैने भी उन नौजवानों के साथ खुद को जोड लिया , जो झंडा फ़हराने निकले थें। जब भाजपा के इन तीनों नपुसंक नेताओं को कपडे खोलकर नंगे होते देखा तो लगा , ये तो ड्रामेबाज हैं , कपडे उतार कर इन्होनें अलगाववादी तत्वों को और मजबुत बनाने का काम किया है । कश्मीर के अलगा्ववादी तत्वों से ज्यादा खतरनाक और राष्ट्र के लिये घातक तुमलोग हो भाजपाइयों ।
बाकी बाते बाद में
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