अर्ध सैनिक बलों की तैनाती में होता है पक्षपात

18 Sept 2010

  •   सताधारी दल उठाता है फ़ायदा
  • विरोधियों के बुथों को बनाता है संवेदनशील
जी हां निष्पक्ष चुनाव कराने के चुनाव आयोग के सभी दावों को धता बताते हुए , सताधारी दल पुरा फ़ायदा उठाता है सता मे होने का। और इसकी शुरुआत होती है बुथों को संवेदनशील घोषित करने से। ज्यातादार बुथ जहां विरोधी दल को ज्यादा मत मिलने  की संभावना होती है उन्हें किसी किसी बहाने से संवेदनशील घोषित किया जाता है ताकी उन बुथों पर अर्धसैनिक बलों की नियुक्ति कि जा सके। इतना हीं नहीं अर्ध सैनिक बलों को  जिले के आला अधिकारियों की तरफ़ से यह निर्देश भी दिया जाता है कि बुथों पर इतनी कडाई करे की मत का प्रतिशत कम हो जाय जबकि सताधरी दल के बुथों पर स्थानीय पुलिस या होम गार्ड कि तैनाती कि जाती  है। उसका परिणाम होता है मतो के प्रतिशत मे बढोतरी सताधारी दल यह मान कर चलता है कि सता उसकी है तो सारे अधिकारी उसके अपने नौकर हैं।

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